खून से बधे भाइयों की माथे की नस क्यूँ नहीं फट जाती है
जब चार गांव से आने वाली घर पर अधिकार जमाती है
चार गांव से आ करके
सब पर उनका अधिकार हुआ
जो साथ खेलकर बड़े हुए
संग रहना उनका बेकार हुआ
बडकी माई के आदेशों पर आवाज बदल तब जाती है
बडकी माई के आदेशों पर आवाज बदल तब जाती है
जब चार गांव से आने वाली घर पर अधिकार जमाती है
बचपन में साथ साथ खाना
भूल उन्हें क्यूँ जाता है
बडकी माई के आने पर
क्या रिश्ता ख़त्म हो जाता है
बडकी माईके आदेश उन्हें क्यूँ नहीं नागिन की तरह डस पाती है
बडकी माईके आदेश उन्हें क्यूँ नहीं नागिन की तरह डस पाती है
जब चार गांव से आने वाली घर पर अधिकार जमाती है
जो साथ चला करते थे कभी
वो आज क्यूँ मिलना ना चाहे
जब देख रहे एक दूजे को
वो बदल रहें है क्यूँ राहें
वरतमान में ऐसा सुख है क्या जो उन्हें बीती याद ना आती है
जब चार गांव से आने वाली घर पर अधिकार जमाती है
यस भाई आपकी लेखनी को नमन
ReplyDeleteइस बात को इतने अच्छे से आपने प्रस्तुत किया कि जवाब नही
हर घर की यही कहानी है
बहुत बहुत शुभकामनाये
wah deepak kya baat hai is bar to aap ne bahut achhi punktiya likhi hai
ReplyDeletethanks for a lot for this......
कोमल भावों से सजी ..
ReplyDelete..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती