Thursday, September 27, 2012

याद कर रहे हैं ........

तनहाइयों    में    आज    तुझे    याद   कर रहे हैं
रब   से   तुम्हारे   खातिर  फ़रियाद  कर   रहे  हैं
कभी  याद ना  किया मै  खुद  के  लिए  खुदा  को
पर   आज   तेरे   खातिर   उसे   याद   कर रहे हैं

मासूम   सी   अदा   में   तेरी   उलझे  जा  रहे  हैं
मासूमियत   तेरी   हम   रब   से   बता   रहे   हैं
करूँ  शुक्रिया  अदा  मै   तेरी  भोली सी अदा को
तेरी  अदा  की  जद  में   रब   को   बुला   रहे  हैं

सूरत   को   तेरी   दिल   से   ना   भूल  पा रहे हैं
हर  कोशिशों  में   खुद  को  असमर्थ  पा   रहे  हैं
सूरत निकालो अपनी मेरे दिल के इस महल से
एहसान इतना करने  की  फ़रियाद  कर  रहे   हैं

2 comments:

  1. bahut khub ..........सूरत को तेरी दिल से ना भूल पा रहे हैं

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  2. करूँ शुक्रिया अदा मै तेरी भोली सी अदा को
    तेरी अदा की जद में रब को बुला रहे हैं
    ......खूब शूरत पंक्तियाँ ..सुन्दर अभिव्यक्ति,,, दीपक जी,बधाई,,,,

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