मेरे जिन्दगी के दिन का यह कैसा सफ़र है
ये है मेरी फिर भी इस पर दूसरे की नजर है
सपनों में आकर उसने मुझसे ये कह दिया
मेरे जान हो मेरे सनम मैंने ये दिल तुझको दिया
धुंधली हुई निगाहें देखते देखते तेरा पथ
साथ दूंगी जिन्दगी भर ये खाई मैंने शपथ
प्यासा जैसे खोजे कुआ हालात तेरे बिन इस कदर है
जिन्दगी है तेरी फिर भी इस पर गडी मेरी नजर है
रास्ते में एक दिन उससे मेरी नजर मिली
आँखों से उसके ये दिखा जैसे जानती हो वो कली
मुस्कान उसके होठों की मेरे दिल को भा गयी
सूरत उसकी उसी दिन से मेरे जिगर में छा गयी
बाँहों को उसके थाम कर मैंने कहा ये तेरा घर है
तय हो जाएगा अब सारा सफ़र पथ में पडा जो तेरा घर है
एक दिन गुजरा उधर से घर है उसका जिस गली
खिड़की पर थी खडी वो उससे मेरी नजर मिली
शरमाई इस कदर जैसे वो हो उस घर की बहू
इस कदर शर्माने की सूरत बसी मेरे दिल में हूबहू
उसके इस कदर शर्माने का ही ये सारा असर है
अब तो ऐसा लगता है जिन्दगी का उसके संग ही बसर है