Tuesday, November 19, 2013

अमन हमारा चमन बनेगा





















मातम   फैला   देश   में  जो  है  ये  कैसे  अब  जाएगा
भ्रष्ट   और   अत्याचारी   को   फांसी   कौन   चढ़ाएगा
पग-पग  पर  जाकर  देखो  जो  छाया  घना अन्धेरा है
इस  अंधियारे  से  भारत  को  मुक्ति  कौन  दिलाएगा

भ्रष्टाचारी    अत्याचारी    आ    जाओगे    हथकंडे   में
खैर  मनाओ  तब  तब  जब  तक  देश फंसा है पंजे में
अमन हमारा चमन बनेगा  वो  दिन   जल्दी   आयेगा
मची  गंदगी  है  जब  उसमे लाल कमल खिल जायेगा

पंजे  ने  हैं   खंजर   भोके   बहुत   मातु   के   सीने   में
बहुत बिताएं हैं दिन माँ  ने  घुट-घुट  घुटकर  जीने  में
कांग्रेस  का  हाथ  नहीं  ये  तब  आम  हाथ कहलायेगा
पकड़ उँगलियों से जब माँ के कमल चरण चढ़ जाएगा   

                                 
                         दीपक कुमार मिश्र प्रियांश