मेरी तन्हाई से तेरी याद का है क्या लेना
हुआ जब भी मै तनहा तो ये चली जाती है
जिंदगी के सफ़र में जब भी अकेले निकला
साथ देने क्यूँ चुपके से ये चली आती है
मेरी यादें तेरी तन्हाई भी मिटाती क्या
जिस तरह तेरी याद मेरी मिटा जाती है
मेरी यादें गर काट दे तेरी तन्हाई को
तो दिल के मुल्क में ये प्रीत कही जाती है
हुई वर्षा बहुत इस जलते हुए दीपक पर
बुझी फिर भी नहीं जो तेरी प्रेम बाती है
एक दूजे की याद है अपने सच्चे साथी
जिन्दगी में जो कदम से कदम मिलाती है
हुआ जब भी मै तनहा तो ये चली जाती है
जिंदगी के सफ़र में जब भी अकेले निकला
साथ देने क्यूँ चुपके से ये चली आती है
मेरी यादें तेरी तन्हाई भी मिटाती क्या
जिस तरह तेरी याद मेरी मिटा जाती है
मेरी यादें गर काट दे तेरी तन्हाई को
तो दिल के मुल्क में ये प्रीत कही जाती है
हुई वर्षा बहुत इस जलते हुए दीपक पर
बुझी फिर भी नहीं जो तेरी प्रेम बाती है
एक दूजे की याद है अपने सच्चे साथी
जिन्दगी में जो कदम से कदम मिलाती है
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