मैने इस दुनिया में उस चीज को चाहा ही नहीं
जो इस दुनिया में आसानी से मिलता नहीं, कसम खुदा की मैंने वो गुलाब आपको देना चाहा ही नहीं
जो बसंत जाने के बाद भी खिलता नहीं
जाने क्यूँ अक्सर होती है
ये घटना प्यार की राहों में
दिल तोड़ चली वो जाती है
हम होते जिनकी बांहों में
एक बार नहीं सोचा उसनेहम होते जिनकी बांहों में
इस मेरे दिल का क्या होगा
जिन्दा भी रहूँगा या फिर नहीं
जब मेरा दिल तुझसे जुदा होगा
दर्द बयां कर पाते नहीं हम
अब अपने दिल की आहों में
दिल तोड़ चली वो जाती है
हम होते जिनकी बांहों में
गयी रुला करके मुझको
अब वो मुझे देखती है रोते
जालिम तेरी यादों में हम
अब रातों को नहीं हैं सोते
अब बात बता इक तू मुझको
ये सजा मिली किन गुनाहों में
दिल तोड़ चली वो जाती है
हम होते जिनकी बांहों में
इंतजार किया हर पल तेरा
इक पल में तू मुझको छोड़ गयी
छोड़ गयी गम मुझे नहीं पर
तू मुझे बेवफा बोल गयी
तू लाख लगा इल्जाम मगर
तस्वीर रहेगी तेरी निगाहों में
दिल तोड़ चली वो जाती है
हम होते जिनकी बांहों में
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