मेरी किस्मत में मोहब्बत को ना लिखा रब ने
मेरी उम्मीद को तो तोड़ डाले हैं अपने
जिनके इक हाँ पे मै ऊचाईयां छूने था चला
उसी के न ने चूर कर दिए सारे सपने
उन्हें भाता था खेलना मेरा जज्बातों से
फरक पड़ता नहीं उनको मेरी हालातों से
हंसी चेहरे पे ले के दिन तो काट देता हूँ
दर्दे दिल को बयां करता हूँ सिर्फ रातों से
मेरी आँखों में आंसू ही है गर ख़ुशी तेरी
खुदा तुझसे है फिर इक आज इबादत मेरी
मेरी आँखों से अश्रुपात निरंतर रखना
उसका हसता हुआ चेहरा ही है ख़ुशी मेरी.
bahut hi badiya sir.....
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