Thursday, August 1, 2013

चूर कर दिए सारे सपने
















मेरी किस्मत में मोहब्बत को ना लिखा रब ने
मेरी    उम्मीद   को  तो  तोड़  डाले   हैं   अपने 
जिनके इक हाँ पे मै  ऊचाईयां  छूने  था  चला
उसी   के  न  ने  चूर  कर   दिए   सारे    सपने 

उन्हें  भाता  था   खेलना   मेरा   जज्बातों  से 
फरक   पड़ता  नहीं  उनको  मेरी  हालातों  से 
हंसी चेहरे  पे   ले   के  दिन  तो काट   देता हूँ 
दर्दे दिल   को बयां करता हूँ  सिर्फ   रातों   से 

मेरी   आँखों   में   आंसू  ही  है  गर ख़ुशी तेरी
खुदा तुझसे है फिर  इक  आज  इबादत  मेरी
मेरी  आँखों   से    अश्रुपात    निरंतर   रखना
उसका   हसता   हुआ   चेहरा  ही है ख़ुशी मेरी.

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